Monday, 18 April 2016

सेल्समेन की तो निकल पड़ी भरी दोपहर में

हाय दोस्तों, मेरा नाम काया है। ये मेरी एक सेल्समेन के साथ मस्त chudai ki kahani है। एक दोपहर मैं अपने पति की चुदाई याद कर रही थी, तभी दरवाजे पे वो हैण्डसम सेल्समेन आया। मैं बहुत प्यासी थी उस समय। अब मैं Hindi Sex Story पर आती हूँ-
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काया: (फोन पर अपने पति से बात करते हुए) क्या, तुम्हें कुछ दिन और दुबई में रहना पड़ेगा?
विनोद: हाँ यार, रहना तो पड़ेगा, काम ही इतना ज़रूरी है। दो महीने और लग जायेंगे।
काया: क्या दो महीने और! प्लीज़ यार, मैं तो अकेले बिलकुल बोर हो चुकी हूँ।
विनोद: और मेरा हाल तो तुम पूछो मत। रात को नींद भी नहीं आती तुम्हारे बिना।
काया: रात को नींद तो मुझे भी नहीं आती आज कल।
विनोद: हाँ सिर्फ़ तुम्हारे बारे मे सोचता रहता हूँ और प्लान बनाता रहता हूँ की घर आने पर तुम्हारे साथ क्या-क्या करूँगा।
काया: अच्छा तो बताओ क्या-क्या करोगे?
विनोद: वो तो सरपराईज़ ही रहने दो अभी। फिलहाल तो मैं मुठ मार के ही काम चला रहा हूँ।
काया: चल झूठे। तुमने कोई लडकी फँसा ली होगी अब तक।
विनोद: अभी तक तो नहीं मगर वो जो मेरा दोस्त पवन रहता है ना यहाँ? उसकी बीवी सोनिया मेरे को लाईन देती रहेती है।
काया: अरे वाह तो तुम्हारी तो ऐश है। तो तुम भी लाईन दो ना।
विनोद: तुम्हे बुरा नहीं लगेगा?
काया: नहीं इतने दिन हो गये हैं, मैं समझती हूँ की तुमसे नहीं रहा जा रहा होगा।
विनोद: और तुम? तुम कैसे काबू करती हो अपने आप को?
काया: हा.. हा… हा… मैं भी अपनी अँगुली या बैंगन, खीरे वगैरह से अपनी चूत के साथ थोड़ा खेल लेती हूँ रात को सोने से पहेले।

salesman ki to nikal padi bhari dopahar me chudai ki kahani
मस्ती चढ़ी थी काया के तन बदन पे
विनोद: तो तुम भी कोई ढूँढो ना अपने टाइम पास के लिये।
काया: तुम्हें अच्छा लगेगा?
विनोद: हाँ मुझे सोनिया के साथ चुदाई करने में और भी मज़ा आयेगा जब मैं सोचूँगा की तुम भी वहाँ किसी स्टड के साथ मजे ले रही हो।
काया: ठीक है, तो मैं भी ढूँढती हूँ कोई।
विनोद: हाँ फिर हम दोनों फोन पर एक दूसरे को अपना अपना एक्सपीरियंस बतायेंगे। बहुत मज़ा आयेगा।
काया: इससे हमारे रिश्ते मे कोई दिक्कत तो नहीं आ जायेगी?
विनोद: अरे नहीं पगली, बल्कि हमारा रिश्ता और गहरा हो जायेगा।
काया: सच?
विनोद: हाँ बिलकुल। और सोचो जब हम मिलेंगे और अपने साथ हुए तजुर्बों को एक दूसरे को मज़े से एकटिंग कर के बयान करेंगे को हमारी चुदाई कितनी धमाकेदार होगी।
काया: (हँसते हुए) हैवान कहीं के!
विनोद: अरे मेरी जान, हैवानियत तो मैं तुम्हे मिलने पर दिखाऊँगा जब तब तुम मुझे किसी स्टड को सिड्यूस करने वाली घटना बताओगी।
काया: और तुम भी मेरा सेक्स की प्यासी शेरनी वाली सूरत देखोगे जब तुम मुझे बताओगे कि तुमने सोनिया को कैसे अपने साथ चुदाई के लिये राज़ी किया।
विनोद: ठीक है, आइ मिस यू! बॉय!

दो दिनों बाद, काया बाज़ार से शॉपिंग करके लौटी थी और नींबू के साथ वोडका का तगड़ा सा पैग बना कर चुसकियाँ ले रही थी। उसका इरादा एक-दो पैग पीने के बाद अपने कपड़े उतार कर बिस्तर में जा कर कोई ब्लू-फिल्म देखते हुए अपनी चूत को मोटे से केले से चोदने का था। एक पैग खत्म करने के बाद काया दूसरा पैग बनाने के लिये उठी ही थी कि उसे दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आयी।
काया: अरे ये कौन आ गया? चलो देखा जायेगा… अच्छा हुआ अभी मैंने कपड़े नही उतारे थे।
काया मार्बल के फर्श पर अपने सैंडल की हील खटखटाती बेमन से दरवाज़े की तरफ बढ़ी। उसने दरवाज़ा खोला तो एक लगभग २० साल के नौजवान और गठीले लड़के को खडा पाया। उसे देखते ही काया के शरीर मे एक लहर सी दौड़ गयी।
काया: जी कहिये?
सेल्समैन: गुड मार्निंग मैडम! मैं अपनी कम्पनी के समान का प्रचार कर रहा हूँ।
काया: अच्छा, क्या बेच रहे हो?
सेल्समैन: जी हमारी कम्पनी लेडीज़ पैन्टीज़ और ब्रा बनाती है।
काया: अच्छा, तो फिर तुम्हारी कम्पनी सेल्स गर्ल्ज़ को क्यों नहीं भेजती बेचने के लिये?
सेल्समैन: जी मैडम, आज कल की लेडीज़ तो हेन्डसम सेल्समैन की ही डिमान्ड करती हैं। अगर आप को कोई ऐतराज़ है तो मैं चला जाता हूँ और कल किसी सेल्स गर्ल को भेज दूँगा।
काया: नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, मुझे तुम से कोई प्राब्लम नहीं है।
सेल्समैन: वैरी गुड। थैंक यू मैडम!
काया: आओ इधर बैठ जाओ। पानी पियोगे या वोडका…?
सेल्समैन: जी नहीं, थेन्क यू।
काया: कितने सालों से तुम ये काम कर रहे हो?
सेल्समैन: दो साल हो गये हैं लगभग।
काया: (हँसते हुए) तो काफ़ी एक्सपीरियंस है!
सेल्समैन: जी हाँ।
काया: तो फिर तो तुम काफ़ी लेडीज़ को खुश कर चुके हो… हा। हा। हा।
सेल्समैन: (थोड़ा शर्माते हुए) जी हाँ कस्टमर्स.. ऑय मीन लेडीज़ को खुश करना ही मेरा काम है।
काया: चलो देखते हैं। मेरी पसन्द थोडी हट के है।
काया ने अपने लिये दूसरा पैग तैयार किया और फिर एक सिप ले कर बोली।
काया: वैसे एक बात तुमने सही कही थी की तुम्हारी कम्पनी के सेल्समैन हेन्डसम हैं।
सेल्समैन: थेन्क यू वेरी मच।
काया: चलो तो दिखाओ अपना सामान।
सेल्समैन: जी??? जी अच्छा मगर पहले बताइये कि आप का साईज़ क्या है। दर असल सारे गार्मेन्ट्स मेरी गाड़ी मे बक्सों मे पड़े हैं और मैं ठीक साईज़ वाला बक्सा निकाल के ले आऊँगा।
काया: (नासमझी की एकटिंग करते हुए) किस का साईज़?
सेल्समैन: आप कौन सा ब्रा साईज़ और कौन सा पैन्टी साईज़ पहनती हैं?
काया: मेरे खयाल से ब्रा साईज़ थर्टी-सिक्स है। अच्छा देखतें हैं तुम कितने अच्छे सेल्समैन हो। मुझे देख कर बताओ मेरा साईज़ क्या होगा?
सेल्समैन: (काया के बूब्स को घूरते हुए) जी मेरे खयाल से थर्टी-फोरहोना चाहिये। आप कहें तो मैं नाप के बताऊँ?
काया: हाँ नाप के देखो।
सेल्समैन ने इंची टेप को काया की पीठ के दोनो तरफ़ से कन्धों के नीचे से घुमा कर उसके बूब्स के नीचे दोनो सिरों को जोड दिया। उसकी अँगुलियाँ काया के बूब्स को हल्के से छूईं और साईज़ पढने के लिये वो अपना मुँह टेप के बिल्कुल पास ले आया। काया ने उसकी गरम साँसें अपने बूब्स पर महसूस कीं और उसी समय यह तय कर लिया की विनोद के साथ बनाये प्लैन को वो आज हकीकत में बदल देगी।
सेल्समैन: आपका अंदाज़ा बिलकुल सही था। आपका साईज़ थर्टी-सिक्स ही है।
सेल्समैन: अच्छा मैडम, आपको अपना कप साईज़ तो मालुम होगा?
काया: (जानबूझ कर) नहीं, मुझे नहीं मालुम।
सेल्समैन: तो फिर आप अपना कोई पुराना ब्रा दे दीजिये। मैं देख कर पता लगा लूँगा।
काया: नहीं, मेरे पुराने ब्रा मे कोई भी ऐसा नहीं है जो मुझे बिलकुल फ़िट आता हो, तुम अपने हाथों से नाप के ही देख लो ना।
सेल्समैन: (थोडे आश्चर्य के साथ) ज..जी.. मैडम?
काया का दूसरा पैग भी करीब-करीब खत्म होने आया था और उसे हल्का सा मीठा सुरूर महसूस हो रहा था। जो थोड़ी बहुत हिचकिचाहट थी वो भी दूर हो गयी थी।
काया: सॉरी अगर मैं तुम्हें अन-कमफरटेबल कर रही हूँ तो। मेरे पति मुल्क के बहार गयें हैं और मैं बोर हो रही थी, इसलिये तुम्हें जल्दी जाने देना नहीं चाहती।
सेल्समैन: आप चिंता मत करो। आप जब तक चाहें मैं यहीं आप के साथ रहुँगा। अच्छा कितने दिनों से बाहर हैं आप के हस्बैंड?
काया: तीन महीने हो गयें हैं और अभी दो-तीन महीने और लगेंगे।
सेल्समैन: ओ माई गाड! ये तो बहुत लम्बा टाईम है!
काया: हाँ! अब तो हद हो गयी है। आखिर मेरी भी कुछ ज़रूरतें हैं।
सेल्समैन: जी मैं समझ सकता हूँ।
काया: तुम्हारी शादी हुई है?
सेल्समैन: जी अभी तो मैं काफी छोटा हूँ शादी के लिये।
काया: कोई गर्लफ़्रेन्ड?
सेल्समैन: नहीं वो भी नहीं।
काया: तो फिर तुम कुछ नहीं समझ सकते। वैसे तुम जैसे हेन्डसम लडके की कोई गर्लफ़्रेन्ड कैसे नहीं है?
सेल्समैन: जी मेरे पास टाईम ही नहीं है। दिन में मैं कालेज जाता हूँ और शाम को मैं ये पार्ट टाईम जाब करता हूँ।
काया: ओके समझी। चलो छोडो… ले लो मेरा नाप।
सेल्समैन: जी अच्छा।
सेल्समैन काया के करीब आया और इंची टेप को काया की पीठ के दोनो तरफ़ से कन्धों के नीचे से घुमा कर इस बार उसके बूब्स की गोलाइयों के साईज़ का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा।
काया: (हल्की से मुस्कुराहट देते हुए) अगर तुम दूर से इतनी लूज़ली साईज़ नापोगे तो कैसे पता चलेगा?
सेल्समैन: (अब कम भय के साथ) आप ठीक कह रहीं हैं मैडम।
सेल्समैन ने अब अपने हाथ काया के टॉप के उपर से उसके बूब्स पर रख दिये और थोड़ा सा दबाया।
सेल्समैन: जी मेरे हिसाब से आपका कप साईज़ डीडी होना चाहिये। आपके टॉप और ब्रा की वजह से थोड़ा ज़्यादा आ रहा है।
काया: नहीं नहीं… मुझे बिलकुल ठीक साईज़ ही चाहिये। मैं टॉप और ब्रा उतार देती हूँ और तुम नाप लो।
सेल्समैन: (आश्चर्य के साथ) ज..जी.. मैडम? आप जैसा कहें मैडम।
काया: जब मैं इतना सब कर रही हूँ तो तुम मुझे काया बुला सकते हो।
सेल्समैन: जी.. मैं कैसे… मैं तो आपसे काफी छोटा हूँ…?
काया: काया नहीं तो काया जी तो कह सकते हो?
सेल्समैन: ओके कायाजी… आप भी मुझे विकास बुला सकती हैं।
काया ने अपना टॉप खींच कर उतार दिया और पीछे लगे ब्रा के हुक्स खोलने का प्रयास करने लगी।
काया: अरे विकास, हुक्स खोलने मे मेरी मदद करो ना।
काया पीछे घूम गयी और विकास ने उसके ब्रा की पट्टी को दोनो हाथों से पकड़ कर हुक्स खोल दिये। काया अब टॉपलेस हो कर विकास की तरफ़ घूम गयी। विकास ने उसके बूब्स को कुछ देर निहारा और फिर अपने हाथों को उसके बूब्स पर रख कर नापने लगा। उसने काया के बूब्स को थोड़ा दबा दिया। काया ने अपनी आँखें बन्द करके हलकी सी आह भरी। विकास अब तक काया के इरादे समझ चुका था कि ये चुदाई की भूखी औरत उससे क्या चाहती है!
विकास: काया जी आपका बस्ट साईज़ आपके बैंड साईज़ से छः इंच ज्यादा है… तो आपकाकप साईज़ डीडी है। वाह ३६ डीडी तो हर लडकी का सपना होता है। आप बहुत लकी हो।
काया: (आँख मारते हुए) हाँ विकास, थेन्क यू। मगर इस समय तो मुझे तुम लकी लग रहे हो
विकास: यह तो सच है। अच्छा पैन्टी का साईज़ भी नाप लें?
काया: हम, मगर यहाँ नहीं। बेडरूम मे चलते हैं। पर उसके पहले वोडका-निंबू का एक-एक जाम हो जाये।
विकास: ठीक है।
काया ने दो पैग तैयार किये। दोनों ने अपने-अपने पैग खत्म किये और काया विकास का हाथ पकड़ कर उसे बेडरूम मे ले गयी और बेड के किनारे पर बैठ गयी। काया तो तीन पैग के बाद पूरी मस्ती में थी।
काया: हाँ अब तुम मेरी पैन्टी क साईज़ नाप सकते हो।
विकास ने काया की स्कर्ट उठाया और उसकी पैन्टी के उपर से उसकी कमर पर हाथ फेरा।
विकास: काया ये स्कर्ट बीच मे अड़ रही है। इसे उतारना पड़ेगा।
काया: तो सोच क्या रहे हो?
विकास ने काया की स्कर्ट की साईड पर लगी ज़िप को खोल दिया और खींचने लगा। काया ने भी अपनी गाँड उठा कर स्कर्ट उतारने मे उसकी मदद की। काया ने एकछोटी सी पैन्टी पहनी हुई थी जिसमे से उसकी चूत की शेप उभर के दिखायी पढ़ रही थी। विकास से रहा नहीं गया और वो पैन्टी के उपर से काया की चूत को सहलाने लगा। काया के बदन में उत्तेजना की एक लहर सी दौड गयी और उसने अपने घुटनों को जोड़ते हुए विकास का हाथ को अपनी जाँघों के बीच मे जकड लिया।
काया: क्यों कैसी लगी मेरी पैन्टी?
विकास: अच्छी है, मगर मुझे उतार के देखनी पड़ेगी।
काया: अरे वाह, मैं तुम्हारे सामने सिर्फ़ पैन्टी और सैंडल पहने बैठी हूँ और तुमने पूरे कपड़े पहन रखे हैं। ये तो ठीक नहीं है।
विकास: तो उतार लो ना जो आपको उतारना है। मना किसने किया है।
काया ने विकास की शर्ट के बटन खोले और अपने हाथ उसकी कसी हुई चेस्ट पर फेरने लगी।
काया: वाह! तुम्हारी बोडी तो बड़ी मैस्क्यूलीन है।
विकास: हाँ मैं हर रोज़ ऐक्सरसाईज़ करता हूँ।
काया ने फिर विकास की बेल्ट उतारी और उसकी पेन्ट आगे से खोल कर नीचे खींच दी। विकास का तना हुआ लन्ड उसके अन्डरवियर में से तोप की तरह उभर रहा था। काया ने अन्डरवीयर के उपर से विकास के लन्ड को अपनी मुठी मे जकड़ लिया।
काया: या अल्लाह! तुम्हारा लन्ड तो बहुत ही मोटा और तगड़ा है। इसकी भी रोज़ ऐक्सरसाईज़ करते हो क्या?
विकास: हाँ इसकी भी रोज़ मालिश होती है मेरी मुट्ठी में।
काया: चलो अब हम एक जैसी हालत मे हैं – अपने अपने अन्डरवीयर में। आओ मुझे अपने आगोश में ले लो ना।
यह कह कर काया खड़ी हो कर और विकास से चिपट गयी। विकास ने कस कर काया को अपनी बाँहों में जकड़ लिया। काया के बूब्स उसकी छती पर बुरी तरह से दबने लगे। विकास का खड़ा लन्ड अंडरवीयर के नीचे से काया की जाँघों के बीच मे उसकी पैन्टीपर रगड़ने लगा। फिर विकास ने काया के गले की साईड पर एक किस किया तो काया ने एक लम्बी आह भरी। अब तक दोनो ही बहुत गरम हो चुके थे। विकास काया की पैन्टी के उपर से उसकी गाँड पर हाथ फेरने लगा तो काया ने विकास के होंठों को चूसना शुरू कर दिया। फिर विकास ने काया की पैन्टी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत पर अँगुली फिरायी। काया की चूत अब तक काफ़ी भीग चुकी थी।

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